विलासपुर
09.06.25
सोमबार
नैना देवी मंदिर परिसर में संचालित नैना देवी संस्कृत महाविद्यालय को लेकर एक महत्वपूर्ण मांग सामने आई है। हिमाचल संस्कृत अकादमी के पूर्व सचिव एवं हिमाचल भाषा एवं संस्कृति विभाग के सदस्य डॉ. मस्तराम शर्मा ने मंदिर न्यास अध्यक्ष व जिलाधीश महोदय से अपील करते हुए कहा है कि यह महाविद्यालय अत्यंत प्राचीन और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण संस्था है, जिसका संरक्षण स्वयं मंदिर न्यास के माध्यम से होता रहा है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि इस संस्थान में अतीत में आचार्य शालिग्राम शर्मा, डॉ. हरिदत्त शर्मा, डॉ. नरोत्तम दत्त शर्मा जैसे प्रकाण्ड विद्वानों ने शिक्षा का दीप जलाया है। ऐसे में वर्तमान में इस महाविद्यालय के संचालन में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि महाविद्यालय में शीघ्र प्राचार्य की नियुक्ति की जाए और छात्रों को मिलने वाले शैक्षणिक लाभों से वंचित न किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे संस्थान भारतीय संस्कृति के संवाहक होते हैं और संस्कृत भाषा भारतीय सभ्यता की आत्मा है। अतः इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए यह आवश्यक है कि नैना देवी संस्कृत महाविद्यालय को पूर्ववत् सुचारू रूप से संचालित किया जाए।
डॉ. शर्मा ने हिमाचल सरकार से भी अनुरोध किया कि इस संस्था के संचालन में अपना सहयोग सुनिश्चित करे तथा मंदिर न्यास अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे महाविद्यालय के नियमित संचालन हेतु अपना सकारात्मक योगदान दें।