संजीव शर्मा
15.05.25
चौपाल
परम्परा के अनुसार चूड़धार यात्रा बिजट महाराज के आशीर्वाद से आरम्भ मानी जाती है और बिजट महाराज की कार्तिक एकादशी, देवउठनी यात्रा नवम्बर में समाप्त मानी जाती है । इस भण्डारे का आयोजन चूडेश्वर सेवा समिति पिछले 20-25 वर्षो से नियमित रूप से करती है हैं जो भक्तों के सहयोग से चलता है । पहले ही दिन सरांह चौपाल ईकाई के स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं दी । इस अवसर सरांह हामल के लोगों ने सामूहिक पयाशली का आयोजन किया,इस का लक्ष्य शिरगुल महाराज से यह प्रार्थना की जाती है कि वर्ष भर सम्पूर्ण क्षेत्र में अच्छा मौसम, अच्छी फ़सल और अच्छे स्वास्थ्य की बिजट महाराज और शिरगुल महाराज से कामना की जाती है। यह अवसर पर क्षेत्र के प्रमुख लोग, नवम्बर उपस्थित रहे । जिस में प्रमुख नम्बरदारो में मोहर सिंह जी, सूर्य प्रकाश ठाकुर, जोगीन्द्र ठाकुर, देवेन्द्र ठाकुर जी, सोमदेव जी,नितिश जी अतिरिक्त अन्य भक्तजन पुजारी एवं प्रमुख लोगों में चुड़ेश्वर सेवा समिति के सद्स्य अमर सिंह शास्त्री, बालक राम हिमटा, दिनेश भण्डारी जी, प्रताप नेगी जी, दीप राम शास्त्री जी , प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना, कार्यक्रम अधिकारी ललित कुमार हिमटा भी उपस्थित रहे । इस अवसर सभी लोगों ने एक बैठक का आयोजन किया जिसमें सभी भक्तजनों ने सरकार के नाम वन्य जीव प्राणी द्वारा लिया जा रहा शुल्क की तीखी आलोचना की और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि यह मुगलकालीन जजिया तुरन्त समाप्त किया जाए। यह भक्तजनों के साथ अन्याय और अलोकतांत्रिक है। अगर इस कर (tax)को समाप्त नहीं किया तो क्षेत्र का जनप्रतिनिधि मण्डल मा० मुख्य मंत्री महोदय से भेंट करेंगे और न्यालय की शरण में भी जा सकते हैं ।
शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार में जेठ संक्रांति से आरंभ हुआ वार्षिक लंगर, सैकड़ों लोगों ने भण्डार ग्रहण किया
