संजीव शर्मा
07.06.24
एक तरफ जहां गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाने को तैयार है, वहीं कुछ शरारती तत्त्व वनों को आग के हवाले कर जहां वनस्पति, वन संपदा और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन तत्त्वों द्वारा आग के हवाले किए गए वनों में कई बेजुबान जीव-जंतु भी बेमौत मर रहे हैं। गत दिनों ऐसा ही एक मामला सामने आने पर वन विभाग द्वारा नेरवा थाना में एक व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी थरोच अरुण शर्मा ने बताया कि पहली जून को सुबह करीब नौ बजे कांदल बीट के यूपीएफ में वन को आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम और स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पा लिया, परंतु तीन जून को करीब दस बजे सुबह यह जंगल एक बार फिर से भडक़ उठा। वन विभाग की टीम एवं स्थानीय लोगों ने इस बार भी रात करीब सवा नौ बजे आग पर काबू पा लिया एवं बार-बार जंगल में आग लगने की जांच शुरू कर दी। जांच करने पर स्थानीय लोगों से पता चला कि इस वारदात को बार-बार ज्ञानी राम, पुत्र राम दस शर्मा, गांव धनत, तहसील नेरवा द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।
ज्ञानी राम से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि वह इस तरह की वारदात को पिछले कई वर्षों से अंजाम दे रहा है, जिसमें वन संपदा और कई बार तो निजी संपदा को भी नुकसान हो चुका है। इस मामले में विभाग द्वारा तीन स्थानीय लोगों के बयान भी कलमबद्ध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहली और तीन जून को आगजनी की इस घटना में 50 हेक्टेयर वन को नुकसान हुआ है। एसडीपीओ चौपाल सुशांत शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी ज्ञानी राम के खिलाफ नेरवा थाना में आईपीसी की धारा 285 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उधर, वन मंडलाधिकारी जंगवीर सिंह दुल्टा ने कहा कि चौपाल वन मंडल के तहत आये दिन वनों में आग लगने की घटनाएं पेश आ रही हैं। वनों में आग लगाने वाले शरारती तत्त्वों के खिलाफ विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।