सोलन
दिनांक 16.11.2023
ज्योति बंसल
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने मीडिया कर्मियों का आह्वान किया है कि वह कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के लाभ अपनाकर भविष्य की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करें। मनमोहन शर्मा आज यहां राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारांे को सम्बोधित कर रहे थे।
मनामोहन शर्मा ने कहा कि तकनीक के आने से कार्यप्रणाली में बदलाव आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से जानकारी के आदान-प्रदान में सुलभता आई है और भविष्य में इस तकनीक का प्रयोग मीडिया जगत के समक्ष चुनौतियों से अधिक अवसर प्रस्तुत करेगा।
उपायुक्त ने कहा कि प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव आज सभी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहे हैं। मीडिया में कृत्रिम मेधा के प्रयोग से क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ दृष्टिगोचर भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तकनीक के दो पक्ष होते हैं। तकनीक के प्रयोग के समय अनेक बार आरम्भिक समय में हानि दृष्टिगोचर होती है और कार्यप्रणाली स्थापित होने पर लाभ सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि 80 के दशक में टेलीविज़न पर लाईव प्रसारण आश्चर्य से कम नहीं था किंतु आज टेलीविज़न के साथ सोशल मीडिया पर लाईव प्रसारण एक आम बात है।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि तकनीक का अधिक प्रयोग हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि हमारी स्मृति का धीरे-धीरे क्षीण होना इसका सर्वाेत्तम उदाहरण है।
उपायुक्त ने कहा कि कृत्रिम मेधा के उपयोग के समय भी मानवीय सृजनात्मकता का मूल्य कम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सृजनात्मकता ही तकनीक के प्रयोग को संतुलित कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार सदैव यह सुनिश्चित बनाती है कि तकनीक का दुरुपयोग न हो और इस दिशा में समय-समय पर आवश्यक अधिनियम एवं नियम लागू किए जाते हैं।
मनमोहन शर्मा ने मीडिया से आग्रह किया कि तकनीक का प्रयोग करते समय संवेदनशीलता के साथ कार्य करें और लोगों के कल्याण को सर्वोपरि रखें। उन्होंने आशा जताई कि मीडिया भविष्य में कृत्रिम मेधा के प्रयोग के साथ संतुलन बनाकर कार्य करेगा।
वरिष्ठ पत्रकार सुशील शर्मा ने इस अवसर पर मीडिया की कार्यप्रणाली में आए बदलावों पर सारगर्भित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी मनुष्य का सृजन है और इसके उपयोग की सीमा भी मनुष्य को ही तय करनी होगा। उन्होंने कहा कि मानवीय मस्तिष्क की शक्ति अनंत है और सभी क्षेत्रों में सफलता के लिए हमे अपने उपर विश्वास करना सीखना होगा।
पत्रकार यशपाल कपूर ने कहा कि तकनीक वरदान भी है और अभिशाप भी। उन्होंने कहा कि आज का मीडिया तार से होकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक पहुंच गया है। इसके सदुपयोग की दिशा में सचेत रहना होगा।पत्रकार पवन ठाकुर ने कहा कि कृत्रिम मेधा एक नवीन अवधारणा है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा पत्रकारों की संवेदनशीलता का स्थान नहीं ले सकती। उन्होंने आशा जताई कि यह तकनीक पत्रकारों के कौशल विकास का माध्यम बनेगी।
पत्रकार अमित डोभाल ने कहा कि कोविड के समय में तकनीक के प्रयोग ने लोगों तक समय पर जानकारी पहुंचाने और उनके जीवन को सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पत्रकार अनुराग शर्मा ने कहा कि कृत्रिम मेधा के प्रयोग से पत्रकार अपनी लेखनी को और सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कृत्रिम मेधा का प्रयोग अवसर और चुनौतियों का मिश्रण है। पत्रकार र्कीति कौशल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सदुपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बड़ी चुनौती है। पत्रकार मोहन चौहान ने कहा कि मीडिया को सकारात्मक रूप में कृत्रिम मेधा को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग से बचा नहीं जा सकता। पत्रकार सुखदर्शन ठाकुर ने कहा कि कृत्रिम मेधा के लाभ और हानि इसके प्रयोग पर निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार का ज्ञान सदैव सर्वोपरि रहेगा। पत्रकार हेमन्त अत्री ने कहा कि तकनीक के वर्तमान समय में सक्षम ही चुनौती का सामना कर पाएगा। उन्होंने ‘आईना’ नाम कविता से अपनी बात सबके सामने रखी। पत्रकार दीपक ने कहा कि तकनीक का उपयोग कर ही भविष्य को सुरक्षित रखा जा सकता है। भारतीय प्रेस परिषद ने इस वर्ष प्रेस दिवस पर ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया विषय पर चर्चा करने का सुझाव दिया था। जिला लोक संपर्क अधिकारी हेमन्त वत्स ने सभी का स्वागत किया तथा विषय की जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर पर विभिन्न समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो प्रमुख तथा संवाददाताओं सहित सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी रविन्द्र सभ्रवाल और युवा शर्मा एवं जिला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित थे।