उद्यान विभाग चौपाल द्वारा बागीचे की रूपरेखा और पौधारोपण का तैयार कर किया गया प्रारूप।

संजीव शर्मा
शिमला -चौपाल
बागवानी के क्षेत्र में चौपाल उद्यान विभाग द्वारा बागीचे की रूपरेखा और पौधारोपण का प्रारूप तैयार कर दिया गया है। उद्यान विभाग अधिकारी डाक्टर श्याम शर्मा ने चौपाल को बागवानी के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए पूरा खाका बनाया हुआ है।उन्होंने दूरदर्शन लाइव के साक्षात कार में बताया कि आजकल बागवान शीतकालीन पौधारोपण का कार्य शुरू कर रहे हैं जिसके लिए बागवानों को कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान रखना पड़ेगा जैसे
1. टेढ़े मेढे पहाड़ी और अधिक ढलान वाले क्षेत्रों में साधारणतया पौधें कंटूर विधि द्वारा लगाए जाते हैं
2. समतल घाटियों में वर्गाकार में लगाए l
3. सघन बागवानी के लिए फल पौधें वहीं लगाएं जहां भूमि उपजाऊ,दिन सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो l
4. पौधों को एक दूसरे से उचित फासले पर लगाना जरूरी है l यह फासला फल किस्म, मूलवृंत की किस्म, मिट्टी, जलवायु तथा कांट छांट की विधियों पर निर्भर करता है l
5. जड़ों के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें फैलने के लिए जरूरी स्थान और आहार मिले l
6. गढ्ढे का आकार 3x3x3 फुट मानक प्रजातियां व स्पर प्रजातियां, मिट्टी की उपजाऊ भूमि पर निर्भर करता है l
7. गढ्ढे की मिट्टी को 10 से 12दिन खुला रहने दें ताकि धूप लग सके l इससे हानिकारक जीवाणु तथा कीड़े नष्ट हो जाते हैं ।
8. 30किलो गोबर की खाद तथा आधा किलोग्राम सुपर फास्फेट गड्ढे में मिलाएं l
9. बीमारी से बचाने के लिए पौधे में कलम के जोड़ को भूमि के धरातल से 20से25 सैoमीo ऊंचा रखें l
10.सेंजोस्केल तथा वूली एफिड से बचाव के लिए कीटनाशी घोल में डुबोए।

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